Monday, 25 March 2013

द्वेष रहित सपनों का संसार (A conflict-less world of dreams )!




























न बंधने दें 
रंगों को 
रूढ़ प्रतीकों में-
गोरा - सांवला 
उजला - काला 
भगवा - हरा 
लाल - नीला 
या और भी कई ।
सबको मिलने दें आपस में 
मुक्त होकर 
उनके प्रतीकों के द्वन्द से ।

जरूरी नहीं है 
कि वो मिलें इस तरह 
कि हो जाएँ एकरूप,
क्योंकि इस तरह जन्म लेगा
फिर कोई नया रंग
अपने नए प्रतीकों- 
सिद्धांतों में रूढ़ होकर 
अपने खुद के 
पूर्वाग्रहों के संग ।


उन्हें मिलनें दें आपस में 
अक्षुणण रखते हुए अपनी विशेषताएं 
ताकि वो मिलकर 
एक खूबसूरत संसार बनाएं-
तितली के परों जैसा 
मोर के पंख जैसा 
या बारिश के बाद के 
इन्द्रधनुष जैसा 
   - द्वेष रहित सपनों का संसार !




These colours -
'Black-White & Gray
Saffron & Green
Red & Blue
Pink & Violet
And many others'
- Don't keep them
In separate boxes
Symbolizing
Different conflicting perspective.
- Don't confine them
To limited boundary (of any bloc)


Let them flow freely
To mingle within themselves.
But be cautious-
Don't pour them all
In a new container
As again they will be stiffed
As a new symbol
With its own hue and saturation.

Let Them combine together
With all There essence unaltered
To form a Picturesque world
Consisting of vibrant colours
Like - wings of butterfly
Like - feather of peacock
Like - a rainbow
In rain-washed sky
- A conflict-less world of dreams !




2 comments:

  1. .बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति . आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें very nice emotional expression .happy holi to you .होली की शुभकामनायें तभी जब होली ऐसे मनाएं .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

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  2. @shalini jee!
    & @Rajanish jee!
    Aap dono ko haushla-aafjaayi ke liye dhanywaad
    aur mere taraf se mithi yaden chhod jaane wali holi ke liye hardik shubhkamanayen

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