Sunday, 17 March 2013

वो लम्हा














उस लम्हे पे
वक़्त तो ठहरा था 
कुछ पल के लिए ; 
पर हम ही आशंकित हो-
उसके भीतर छुपी संभावनाओं से,
उसे अपना न सके ।
  

Time waits for a while
but we diffidently
run away
instead of
kissing ahead our way.



2 comments:

  1. very nice presentation of feelings .

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  2. Shalini je!
    Hausalafjaayi ke liye shukriya.

    Your suggestions are precious.

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