Thursday 16 October 2014
Wednesday 15 October 2014
Sunday 12 October 2014
अहसास
एक अहसास
तेरे पास होने का
सिहरन
तेरी सांसों से छूने सा
खुशबू सी
हवा में यूँ फैल गयी
चटक सा गया हो
कोई फूल अधखिला
जाने क्या था
वो झुकी पलकों सा
चाँद के पार चला
कोई पंछी मनचला
जैसे कुछ कहने सा
वो पलक उठने सा
सूरज से, किरणों से
रौशन था सवेरा
इधर से उधर -
यहाँ से वहां
तूँ जैसे फैल रही
मैं तुम्हारा हूँ
जैसे तुम हूँ
तुम्ही हूँ।
Subscribe to:
Posts (Atom)
Images : courtsy google