हे प्रभु !
एक प्रार्थना है तुझसे
कि ये मासूम मुस्कान
जिनका अक्स पड़ते ही खिल उठता है
हर उदास दिल ,
हमेशा यूँ ही महकते रहें ;
कि सूरज चाँद और सितारों से सजे ऊँचे आसमान
इनका आंगन हो
जिनमे खेला करें ये उम्र भर
बेख़ौफ़ , बिना किसी बंदिश के
अपनी ख्वाबों के डैने फैलाये ;
सलामत रहें इनके सपने , इनकी नींदें ,
(स्नेह के ) पानी के बिना , इनकी प्यास न सुखने पाए ;
रस्ते इनके लिए
हर ओर खुली रखना
पर न देना इन्हें अंधी भूख मंजिल की ;
चलना या रुकना राहों पे
इनके इख़्तियार में देना
क्यों इन्हें तेरे अलावे और कोई चलाये ;
हाँ ,
माँ सा साया सर पे इनके
हमेशा बने रहना ,
सम्हालना इन्हें हर ठोकर के बाद ;
देना इनको वो जिगर , वो दिल
कि हर दुःख से लड़ सकें
कि अपना सकें हर दुखी को.......
एक खुदगर्ज़ सी ख्वाहिश और भी है
कि हो सके तो कर लेना
मुझे भी इन्ही में शामिल
कि मैं भी खिलूँ फूलों कि तरह
कि महकूँ बागों कि तरह
कि चहकुं पक्षी कि तरह
कि इस सवेरे के स्वागत को
एक स्वर मेरा भी हो
जो समवेत हो
सूरज कि अरुण किरणों से ...
सवेरा होने दो प्रभु !
सवेरा होने दो !
O!
Lord
Bless
these innocent flowers
With
ever lasting pretty smile,
To
soothe every sullen heart
With
warmth of their mirthfulness.
Bless
them with boundless sky
With
ever shining sun and moon.
In
which untrammeled they can fly
On
the wings of dreams.
Secure
all their dreams
Whether
awake or in sleep.
Never
ever let their needs die
Without
realization.
Their
own path, let them follow
Without
falling for pseudo-
Objectives
set by ego.
Let
nothing other then yours mighty wish
Dictate
them.
Be
their patron-
To
guide them through all the way,-
To
hold them in every disturbance.
Give
them courage
To
confront every hardship.
Fill
their heart with solace
For
every disconsolate.
May be it is selfish
But one more wish I do have.
Let
me be one among them-
To
bloom like flower
Filling
the garden with fragrance
-To
tweet like those birds
Proclaiming
the breaking of dawn
In
a note
In
unison with the crimson ray of sun.