जिंदगी के नशे में \ कुछ गाता हूँ \ गुनगुनाता हूँ \ कभी चीखता चिल्लाता हूँ \ रोता रुलाता हूँ \ तो कभी हँसता हंसाता हूँ \ या कभी चादर ओढ़ कर \ चुप-चाप सो जाता हूँ…
चलो इंसाफ ले के आएं।
वाह..!
आपके विचार हमारा मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन करते हैं कृपया हमें इमसे वंचित न करें ।
वाह..!
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