जिंदगी के नशे में \
कुछ गाता हूँ \
गुनगुनाता हूँ \
कभी चीखता चिल्लाता हूँ \
रोता रुलाता हूँ \
तो कभी हँसता हंसाता हूँ \
या कभी चादर ओढ़ कर \
चुप-चाप सो जाता हूँ…
Tuesday, 13 January 2015
जीवन साथी के लिए -
मैं सुन नहीं पाया
तुम्हारे क़दमों के लय को
पहचान नहीं पाया
तुम्हारे दिल के तरंग
को
तुम्हारे कंठ के उमंग को
बस इन्तजार करता रहा
कि तुम मेरे लिए
कोई प्रेम गीत गाओगी
और तुम्हारा जीवन संगीत
मेरे लिये अनसुना रह गया।
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आपके विचार हमारा मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन करते हैं कृपया हमें इमसे वंचित न करें ।
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