Thursday 11 October 2012

मन-झील के लहरों पर
तैरती हुई 
एक रंगीन ख्वाबों की डिबिया
आ कर टकराई
किनारे पड़े 
हकीकत के चट्टानों से;
वो सपने टूट गए 
पर उनका खुशनुमा रंग

किनारों पे है बिखरा हुआ ।






















Images : courtsy google
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