Wednesday, 7 March 2012

Lingering Colour

Those colours of yours
Very light
But very deep
Soaked into my being
Since very beginning of journey of the life....
Which colours were those
Unaware then,
Puzzled now,
But still those lingers into my Soul
Unfaded, unveiled......


एक रंग डाला था उसने मुझपे 
वर्षों पहले
पता नहीं कौन सा-
लाल, पीला, हरा, सुनहला, उजला, सांवला या गुलाबी ......
बहुत  हल्का सा 
पर बहुत गहरा,
तब हम  कहाँ पहचानते थे रंगों को,
उसके सही अर्थों में
पर आज भी उसकी
ताज़ी सी खुशबू आती है,
और जब - तब
उसकी नमी मुझे सरोबार कर जाती है । ...


                 *    *    *


Images : courtsy google
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...