Saturday, 16 April 2016

कमजोर क्षण

वो उस एक छन में प्यार नहीं हुआ पगली
जब हमारी आँखे टकराई
वो तो उत्स था
सृष्टि के आरम्भ से संचित प्यार का
हमारे अंदर से  तुम्हारे अंदर से.....
एक झरना
जो कहीं से भी फूट सकता था
किसी भी कमजोर क्षण....।


Images : courtsy google
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...