रंगों को
रूढ़ प्रतीकों में-
गोरा - सांवला
उजला - काला
भगवा - हरा
लाल - नीला
या और भी कई ।
सबको मिलने दें आपस में
मुक्त होकर
उनके प्रतीकों के द्वन्द से ।
जरूरी नहीं है
कि वो मिलें इस तरह
कि हो जाएँ एकरूप,
क्योंकि इस तरह जन्म लेगा
फिर कोई नया रंग
अपने नए प्रतीकों-
सिद्धांतों में रूढ़ होकर
अपने खुद के
पूर्वाग्रहों के संग ।
उन्हें मिलनें दें आपस में
अक्षुणण रखते हुए अपनी विशेषताएं
ताकि वो मिलकर
एक खूबसूरत संसार बनाएं-
तितली के परों जैसा
मोर के पंख जैसा
या बारिश के बाद के
इन्द्रधनुष जैसा
- द्वेष रहित सपनों का संसार !
These colours -
'Black-White & Gray
Saffron & Green
Red & Blue
Pink & Violet
And many others'
- Don't keep them
In separate boxes
Symbolizing
Different conflicting perspective.
- Don't confine them
To limited boundary (of any bloc)
Let them flow freely
To mingle within themselves.
But be cautious-
Don't pour them all
In a new container
As again they will be stiffed
As a new symbol
With its own hue and saturation.
Let Them combine together
With all There essence unaltered
To form a Picturesque world
Consisting of vibrant colours
Like - wings of butterfly
Like - feather of peacock
Like - a rainbow
In rain-washed sky
- A conflict-less world of dreams !