Saturday, 6 April 2013

तुम आते..


वह नॉर्मली पार्टियों में नहीं जाता, बड़ा अनकम्फर्टेबल फील करता है । आज ही पता नहीं कितने  दिनों बाद दोस्तों के साथ पार्टी में आया था । दोस्त क्या! colleague थे, अचानक ज़िद कर बैठे और वह मना नहीं कर पाया।  वह खुद भी आखिर इस trauma से तो निकलना ही चाहता था। आखिर कब तक यूँ दुनियां से भागता फिरता...    यह रोहित की बर्थडे पार्टी थी । यही एक है जिससे वह इधर कुछ बोल-चाल लेता है। बात है की रोहित अपने में मस्त रहता है, ज्यादा इधर-उधर से उसे कोई मतलब नहीं। किसी के लाइफ में में ज्यादा झांकने की कोशिश नहीं करता । इसी कारण से शायद उसके चारों तरफ जो एक दीवार बन गयी है, वो रोहित अपने लिए खतरा नहीं मानती।

खैर! सारे लोग पार्टी में व्यस्त थे। वह भी रेगुलर कर्ट्सी के साथ सबसे मिला, रोहित को wish किया और धीरे-धीरे टेरिस पे आ गया। वहां एक दो चेयर लगी थी पर था कोई नहीं। अन्दर से शोर गुल की आवाजें आ रही थी । साथ में डी जे की आवाज भी आ रही थी-

गल मेरी सुन ले सोहने
बस इतना कहना है 
दिल देना है ये तुझको 
लव तुझसे करना है......

आती क्या ?
बता !
चल अपने नाल...

पर वह ज्यादा देर तक ऐसी जगहों पर रुक कहाँ पता है ।


















अब तक तो वह कहीं और जा चुका था । जहाँ शायद वो ( कौन ये तो मुझे भी नहीं पता ) उसके साथ तो नहीं थी पर उसकी आवाज शायद उस तक पहुँच रही थी -  

तुम आते 
जीवन मुस्काता 
होतीं साथ बहारें,
अपना भी
जग रौशन होता 
छंट जाते अंधियारे...

तेरी राहें
तकती आँखें
कबसे आस लगाये,
आओ हम 
तुम मिलकर प्यारी
दुनियां एक बनायें

बिन तेरे
जीवन सूना ये
हर पल तुझको पुकारे 
तुम आते 
जीवन मुस्काता 
होतीं साथ बहारें...


अन्दर से अब भी आवाजें आ रहीं थी-


from- article.timesofindia.indiatimes.com














गल्ला ना कर तूं छोरे 
देखी है तेरी जात 
दिल देना-वेना क्या है
जानूं तेरी हर बात...

ये कुड़ियां
समझतीं हैं 
तेरी हर चाल..... 

और वो अब भी पता नहीं किससे बातें कर रहा था-

समझाते
हम खुल कर तुमको
अपने दिल की बातें,
इक मौका
जो हमको देते 
लौट के जो तुम आते ...

देखो यूँ 
कब तक रूठोगे 
अब तो मान भी जाओ,
मेरी हर
इक साँस पुकारे
तुम आओ - तुम आओ...

भूल गए
यूँ छोड़ के मुझको 
बोलो किसके सहारे,
तुम आते 
जीवन मुस्काता 
होतीं साथ बहारें...... 
Images : courtsy google
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