Saturday, 9 June 2012

pariwar

Some times you don't want to confront hardships of life head on. you want to be free to do as per your wish to conquer them by simply ignoring them. Tired of being dictated by earthly circumstances you want to walk on your own way or simply need a halt, but then for some of your near and dear one you have to stay in the deadly journey.....


परिवार,
जो आपको जोड़ता है दुनिया से
जो आपको चलना सिखाता है
जो आपको रुकने देता ही नहीं ;
झकझोर कर उठा देता है
जब भी आपको झपकी लगे ;
सहारा देता है आपको
जब भी आप थक जाओ
ताकि आप चलते रह सको ।



Sunday, 27 May 2012

Hain Mere Bhi Kuchh Armaan...


नहीं , मैं कुछ  महसूस  नहीं करता ,
मुझे कैसा भी नहीं लगता ।

कोई मुझे देखे
न  देखे 
देख  के  न  देखे .... मुझे क्या ।
मैं थोड़े ही इस  उम्मीद में हूँ 
की मुझे ढूँढती होगी कोई नजर ,
या अनायास  ही चमक  उठेगी किसी की नज़र 
मुझे पहचान  कर ,
मेरी ओर उठेगी कोई  निगाह या फिर 
बस  यूँ ही, औपचारिकता वश  .....

मुझे थोड़े इंतज़ार है 
किसी जाने अनजाने पुकार का 
जो मुझे बाहर खींच  लाये 
इस  एकाकीपन  से.....  ।

क्यूँ मैं शामिल  करना चाहूँगा 
किसी को अपने ख्वाबों में 
क्यूँ साझा करना चाहूँगा किसी से 
अपनी खुशियाँ , अपने ग़मो -दर्द 
मैं चुपचाप अकेले ही चलने का आदि हूँ अबतक 
क्यूँ मैं तलाशूंगा कोई साथी , कोई हमसफ़र .....
हाँ, सब चले जाओ 
मुझे अकेला छोड़ कर .....।

*     *     *
कसक  उठती है इस  दिल  में तो क्या ?
तड़प उठता है ये दिल  तो क्या ?
ये दिल  रोता  हो तो क्या ?
बंद करके इसे किसी ताबूत में ,
दफ्न कर दूंगा कहीं सीने में ....
दर्द  इस  दिल  के
इस  दिल  को  ही सहने होंगे,
...... क्योंकि मैं कुछ महसूस   नहीं करता ।


Images : courtsy google
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